Gyanvapi Case Update: तहखाने में मिली पूजा करने की अनुमति | Clear Update

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Gyanvapi Case Update

वाराणसी कोर्ट ने हाल ही में Gyanvapi Case के तहत व्यास तहखाने में पूजा करने की अनुमति देने का ऐतिहासिक फैसला किया है। इस घड़ी में हम इस महत्वपूर्ण और प्राचीन स्थल के विषय में आपको विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

Gyanvapi मंदिर: एक अनूठा ऐतिहासिक स्थल

व्यास परिवार द्वारा शुरू की जाने वाली तहखाने में पूजा का अधिकार, जिसे कोर्ट ने हाल ही में मान्यता प्रदान की है, वाराणसी का एक अनूठा ऐतिहासिक स्थल है। 1996 में हुई एक एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट ने इसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कोर्ट ने उसे मान्यता दी है। यहां पूजा की जाने वाली इस तहखाने में 30 जुलाई, 1996 को हुई पूजा की घटना एक महत्वपूर्ण प्रसंग बन गई है।

तहखाने का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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तहखाने के दक्षिणी द्वार पर लगे दो ताले, जिनमें पहला ताला व्यास परिवार का था और दूसरा ताला प्रशासन का था, इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को और भी रौंगत देती है। एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार, 1996 में हुई जाँच में व्यास परिवार ने अपना ताला खोल दिया था, लेकिन प्रशासन ने अपना ताला नहीं खोला था, जिससे कमिश्नर तहखाने के भीतर नहीं जा पाए थे।

Gyanvapi के तहखाने में पूजा: एक अनूठी घटना

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Gyanvapi के तहखाने में 31 साल बाद हुई पूजा की घटना ने इस स्थल को और भी रोचक बना दिया है। व्यास परिवार के लोगों द्वारा किया जाने वाला पूजा-पाठ इस स्थल की महत्वपूर्णता को और बढ़ाता है।

व्यास परिवार का योगदान

व्यास परिवार की ओर से शैलेंद्र कुमार पाठक ने तहखाने के अधिकार और इसमें पूजा-पाठ की कानूनी लड़ाई में बड़ा योगदान दिया है। शैलेंद्र पाठक व्यास परिवार के ही वंशज हैं, और उनका योगदान स्थल की परंपरा को जारी रखने में महत्वपूर्ण है।

जज का फैसला और उसकी महत्वपूर्ण दिशाएं

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वाराणसी कोर्ट के जज एके विश्वेस ने 31 जनवरी को दिए गए फैसले में एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को स्वीकार किया है, जिसमें तहखाने के दक्षिणी द्वार पर दो ताले लगे थे और उनमें से पहला ताला व्यास परिवार का था, जबकि दूसरा ताला प्रशासन का था। इस फैसले के साथ ही इस स्थल की महत्वपूर्ण दिशाएं सामने आई हैं जो हमें इसके ऐतिहासिक सांविदानिकता को समझने में मदद करेंगी।

इस आलेख में हमने Gyanvapi के तहखाने के महत्वपूर्ण पहलुओं को विश्वस्त और सटीक तरीके से प्रस्तुत किया है। यह स्थल अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वपूर्णता के लिए जाना जाता है, और यह कोर्ट के नए फैसले के साथ और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इस स्थल की विशेषता को समझते हुए, हम उसके सांस्कृतिक और धार्मिक विवादों को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि यह समृद्धि और एकता की दिशा में आगे बढ़ सके।

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